प्रयागराज। डीजे बजाने की अनुमति नहीं देने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर सुप्रीमकोर्ट की रोक सिर्फ याचिका दाखिल करने वाले डीजे संचालकों के लिए है। यह अन्य डीजे संचालकों पर लागू नहीं होगा। बागपत के सचिन कश्यप और 11 अन्य डीजे संचालकों ने हाईकोर्ट के आदेश के विरुद्ध सुप्रीमकोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दाखिल की थी।
याचिकाकर्ताओं के वकील का कहना था कि हाईकोर्ट ने सुशील चंद्र श्रीवास्तव व अन्य द्वारा अपनी समस्या को लेकर दाखिल याचिका पर सामान्य निर्देश जारी किए हैं। यह जनहित याचिका नहीं थी। याचीगण भी इन निर्देशों से प्रभावित होंगे, जबकि वह हाईकोर्ट के समक्ष याचिका में पक्षकार नहीं थे। याचीगण की दलील को ध्यान में रखते हुए सुप्रीमकोर्ट ने सिर्फ याचिकाकर्ता के लिए हाईकोर्ट के आदेश के पैरा तीन पर रोक लगाई है। जबकि, ध्वनि प्रदूषण को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा दिए गए अन्य निर्देश यथावत लागू रहेंगे। ऐसी स्थिति में कानून के विपरीत डीजे बजाने पर अब भी कार्रवाई हो सकेगी। हाईकोर्ट ने अपने आदेश के पैरा तीन में डीजे बजाने से होने वाले ध्वनि प्रदूषण के कारण अधिकारियों को डीजे की अनुमति नहीं देने का आदेश दिया है।