दिल्ली के मोतीनगर में फर्जी अंतरराष्ट्रीय कॉल सेंटर चला रहे ठगों ने सरकार को भी करीब एक हजार करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया है।
पुलिस के मुताबिक, जांच में पता चला है कि आरोपी वॉइस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल (वीओआईपी) कॉल इंटरनेट के जरिये फोन करते थे। वे जिस नंबर से फोन करते, वह कनाडा का होता था। इस तरह की सुविधा लेने के लिए सरकार से लाइसेंस लेना जरूरी है, जिसके लिए मोटी फीस भी देनी होती है।
ठग बिना किसी अनुमति के ये गतिविधियां चला रहे थे। दूरसंचार विभाग की टीम की जांच में पता चला कि आरोपी से वीओआईपी कॉल की प्रक्रिया में कानूनी गेटवे को दरकिनार कर रहे थे। इससे सरकार को आर्थिक नुकसान हो रहा था।